जानकारी के अनुसार, आज सुबह साध्वी अनशन के दौरान ही अचानक से बेहोश होने लगीं। आश्रम के लोगों ने देखा तो आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया।डॉक्टरों का कहना है कि भूखे-प्यासे रहने के कारण वे काफी डिहाइड्रेटेड हो गई हैं। दोपहर तक उनकी हालत में सुधार नहीं है इसलिए उन्हें दिल्ली एम्स के लिए रेफर कर दिया गया है। बता दें कि सध्वी पिछले 65 दिन से अनशन कर रही हैं।
वहीं, साध्वी पद्मावती को दिल्ली ले जाते समय कनखल पुलिस बहादराबाद में एंबुलेंस को रुकवाकर सरकारी गाड़ी से साध्वी को ऋषिकेश एम्स ले गई। मातृ सदन के संतों और समर्थकों ने प्रशासन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मातृ सदन के संत निजी खर्चे पर साध्वी पद्मावती को ले जा रहे थे। लेकिन प्रशासन ने आरोप लगाया कि बिना प्रशासन को सूचना दिए ऐसा किया गया इसलिए साध्वी पद्मावती को प्रशासन ने अपने संरक्षण में लेकर ऋषिकेश एम्स भिजवाया है।
47वें दिन पुलिस ने भी कराया था भर्ती
इसके बाद मातृ सदन की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, एसडीएम कुसुम चौहान, सीएमओ डॉ सरोज नैथानी, लक्सर के एसडीएम सुनैना राणा और थानाध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया गया था। वहीं, साध्वी पद्मावती का कहना था कि प्रशासन को जो भी उपचार देना है मातृ सदन में देना होगा। वे अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगी।
संसद में उठ चुका मुद्दा
उन्होंने साध्वी की मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से अनशन समाप्त कराने की अपील की थी। कौशलेंद्र कुमार बीते दिनों बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा के साथ मुख्यमंत्री नीतिश कुमार का समर्थन-पत्र लेकर हरिद्वार भी पहुंचे थे। वहीं, योगी सरकार के निर्देश पर मुजफ्फरनगर के एसडीएम और सीओ ने भी हाल ही में मातृ सदन पहुंचकर साध्वी से अनशन समाप्त करने की अपील की थी।

