सेटेलाइट से होगी हरिद्वार महाकुंभ में निगरानी, सेटेलाइट से भी लिंक किए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे

देहरादून। यह पहली बार होगा, जब महाकुंभ पर सेटेलाइट से नजर रखी जाएगी। इसकी शुरुआत हरिद्वार में वर्ष 2021 में होने वाले महाकुंभ से की जा रही है। कुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं के लिए लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरे सेटेलाइट से भी लिंक किए जाएंगे। इसके लिए उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) जियोस्पेसियल डाटाबेस तैयार करने में जुट गया है। सोमवार को इस संबंध में यूसैक निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट ने मेलाधिकारी दीपक रावत के समक्ष प्रस्तुतीकरण भी दिया।

यूसैक के निदेशक डॉ. बिष्ट के अनुसार हाई रेजोल्यूशन सेटेलाइट डेटा के लिए भारतीय सेटेलाइट कार्टोग्राफ के साथ ही नासा के सेटेलाइट वर्ल्‍डव्‍यू की भी मदद ली जाएगी। नासा के सेटेलाइट से लाइव-व्यू के लिए हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) के पास आवेदन भी कर दिया गया है। सेटेलाइट की मदद से महाकुंभ मेला क्षेत्र में धरातल पर एक मीटर की किसी भी वस्तु को स्पष्ट देखा जा सकेगा।

सोमवार को हरिद्वार में मेलाधिकारी दीपक रावत के समक्ष दिए गए प्रस्तुतीकरण के दौरान यूसैक निदेशक ने बताया कि महाकुंभ क्षेत्र की सेटेलाइट मैपिंग कर ली गई है। साथ ही धरातल पर सभी अहम संरचनाओं, भवनों, प्रतिष्ठानों का डेटा एकत्रित किया जा रहा है। हर महत्वपूर्ण स्थलों के ग्राउंड कंट्रोल प्वाइंट्स एकत्रित कर उन्हें जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम (जीआइएस) के प्लेटफार्म पर तब्दील कर दिया गया है। लैटीट्यूड व लॉंगीट्यूड से एक क्लिक पर इनकी स्थिति स्पष्ट की जा सकती है।

मेला क्षेत्र के 41 सेक्टर में से 23 पर काम पूरा

महाकुंभ मेला क्षेत्र को 41 सेक्टर में बांटा गया है। इनमें से यूसैक ने 23 सेक्टर का डेटा एकत्रित कर लिया है। यूसैक निदेशक के अनुसार 15 मार्च तक सभी 41 सेक्टर पर काम पूरा कर दिया जाएगा।

आपात स्थिति या अधिक भीड़भाड़ को संभालने में मिलेगी मदद

पूरे कुंभ मेला क्षेत्र की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की व्यवस्था रहेगी। इसके लिए क्षेत्र के सभी प्रमुख प्रवेश व निकास मार्गों, खाली स्थानों आदि की जानकारी जुटाई जा रही है। इससे आपात स्थिति या अधिक भीड़ होने पर वैकल्पिक प्लान को लागू करने में भी मदद मिलेगी। निगरानी को सुगम बनाने के लिए मोबाइल एप भी तैयार की जा रही है। आम व्यक्ति भी इसकी मदद से मेला क्षेत्र की स्थिति से वाकिफ हो सकता है या मदद मांग सकता है। साथ ही ऑनलाइन निगरानी तंत्र को सीएम डैशबोर्ड व प्रमुख कार्यालयों से भी जोड़ा जाएगा।

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